अमरनाथ यात्रा 2024|भारत
अमरनाथ यात्रा 2024 सनातन धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थानों में से एक अमरनाथ भी है, अमरनाथ की गुफा जम्मू और कश्मीर में 3888 मीटर की ऊंचाई पर है। इस तीर्थ स्थल पर प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में शिवभक्त दर्शन करने पहुंचते हैं।
12 वर्ष के बाद अमरनाथ यात्रा 2024 पर आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा पांच लाख के पार हो गया। आज तक के यात्रा के इतिहास में केवल तीन बार ही इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आए। इससे पूर्व वर्ष 2011 में 6.36 लाख श्रद्धालु, बाबा अमरनाथ के दर्शन करने के लिए आए थे और उसके अगले ही साल 2012 में 6.20 लाख शिवभक्तों ने बाबा बर्फानी के दरबार में हाजिरी लगाई थी।
मंगलवार को 2813 श्रद्धालुओं ने बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन किए। इनमें 1500 पुरुष, 618 महिलाएं, 57 बच्चे, 67 साधु और 571 अन्य लोग शामिल थे। इसके साथ ही अब तक दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 5,00,105 पहुंच गई। वहीं निवास भगवती नगर जम्मू से 1873 श्रद्धालुओं का 39वां जत्था बालटाल के लिए रवाना हो गया है।
यात्रा के दौरान बचे सिर्फ़ 50 लंगर
बालटाल मार्ग के लिए रवाना हुए 39वे जत्थे में 1579 पुरुष, 202 महिलाएं, 92 साधु शामिल है। जत्था मंगलवार शाम को अपने गंतव्य तक पहुंच गया। दूसरी ओर यात्रा के दोनों मार्गों से 75 लंगर समितियां लौट गई हैं। अब 50 के करीब लंगर बचे है जो यात्रा के अंत तक रहेंगे ताकि श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना न करना पड़े। इस बार यात्रा मार्गों पर कुल 125 लंगर लगाए गए थे। बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाने के पांच वर्ष पूरे होने पर आंतरिक कारणों से पिछले सोमवार को बाबा अमरनाथ यात्रा के जत्थे को रवाना नहीं किया गया था। मंगलवार को यात्रा पुनः बहाल कर दी गई। इस बार 52 दिन लंबी अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हुई थी जो 19 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन संपन्न होगी।
अंतिम पड़ाव के चलते श्रद्धालुओं की संख्या में आ रही कमी
अमरनाथ यात्रा अब अंतिम पड़ाव की ओर पहुंच रही है इसलिए शिवभक्तों और श्रद्धालुओं की संख्या में कमी का सिलसिला जारी है। छड़ी मुबारक 14 अगस्त को श्रीनगर से पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए रवाना होगी। बाबा अमरनाथ की यात्रा के लिए छड़ी मुबारक 14 अगस्त को श्रीनगर के दशनामी अखाड़ा से पवित्र गुफा के लिए रवाना होगी। छड़ी मुबारक पारंपरिक पहलगाम मार्ग से 19 अगस्त को बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा पहुंचेगी और उसकी पूजा-अर्चना होगी। इसके साथ यात्रा का समापन हो जाएगा। छड़ी मुबारक का स्थापना समारोह बुधवार को श्री अमरेश्वर मंदिर अखाड़ा श्रीनगर में होगा और पारंपरिक छड़ी पूजन नाग पंचमी पर 9 अगस्त को होगा।
अमरनाथ यात्रा का महत्व
हिंदू धार्मिक तीर्थ स्थल अमरनाथ हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओ में स्थित है। इस गुफा को प्राचीन काल में ‘अमरेश्वर’ कहा जाता था। यहां बर्फ से शिवलिंग बनता है, यही कारण है कि इसे ‘बाबा बर्फानी’ के नाम से भी जाना जाता है। जो श्रद्धालु इस पवित्र गुफा में बने शिवलिंग का सच्चे मन से दर्शन करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार बाबा अमरनाथ के दर्शन करने से काशी में लिंग दर्शन और पूजन से 10 गुना, प्रयागराज पूजन और स्नान से 100 गुना और नैमिषारण्य तीर्थ से 1000 गुना अधिक पुण्य प्राप्त होता है। मान्यता है कि अमरनाथ गुफा के ऊपर पर्वत पर श्री राम कुंड है, अमरनाथ गुफा में स्थित पार्वती शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक हैं। अतः जो भी भक्त सच्चे मन से बाबा बर्फानी के दर्शन करने आते है, उनके सभी पाप नष्ट हो जाते है ।