अग्निवीर आरक्षण : केंद्र सरकार ने जून 2022 में अग्निपथ योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत भर्ती होने वालों को ‘अग्निवीर’ कहा जाता है। अब तक 11 भाजपा शासित सरकारों और सात केंद्रीय बलों ने अग्निवीर सैनिकों को आरक्षण या वरीयता देने का एलान किया है।
हाल के दिनों में अग्निवीरों का मुद्दा छाया हुआ है। पिछले दिनों सरकार द्वारा, सैन्य बलों और अर्ध सैन्य बलों में पूर्व अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण और आयु में छूट देने का एलान किया गया था। इसी को आगे बढ़ाते हुए अब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश समेत भाजपा शासित राज्यों में पूर्व अग्निवीरों को आरक्षण या वरीयता देने की घोषणा की गई है।
आइए जानते है अग्निपथ योजना और अग्निवीर के बारे में –
अग्निपथ योजना की घोषणा केंद्र सरकार ने जून 2022 में की थी। इस योजना के तहत भर्ती होने वालों को ‘अग्निवीर’ कहा जाता है। केंद्र सरकार ने कहा है कि सुरक्षा बलों में चार साल की सेवा के बाद युवाओं के लिए कई नौकरियां और अन्य रास्ते खुले रहेंगे। चार साल का कार्यकाल पूरा होने पर, 25 फीसदी अग्निवीरों को भारतीय सशस्त्र बलों में नियमित कैडर के रूप में रखा जाएगा। बाकी को आगे रोजगार के अवसरों के लिए सहायता मिलेगी। अग्निवीरों को उनके बाहर निकलने पर सेवा निधि पैकेज के रूप में 11.71 लाख रुपये दिए जाएंगे, जो आयकर से मुक्त होंगे।
सैन्य बलों और अर्ध सैन्य बलों में पूर्व अग्निवीरों को क्या – क्या फायदे मिलेंगे ?
गृह मंत्रालय के निर्णय के अनुसार, पूर्व अग्निवीरों को विभिन्न सुरक्षा बलों में 10 प्रतिशत आरक्षण, आयु में छूट और शारीरिक दक्षता परीक्षण से छूट मिलेगी। अग्निवीरों के पहले बैच को आयु में पांच साल की छूट मिलेगी तथा अग्निवीरों के दूसरे बैच को आयु में तीन साल की छूट दी जाएगी। जिन बलों में छूट और आरक्षण मिलेगा उनमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और असम राइफल्स शामिल हैं।
जून 2022 में अग्निपथ योजना की घोषणा होते ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एलान किया था कि गृह मंत्रालय ने इस योजना में चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।
राज्यों में पूर्व अग्निवीरों को किस तरह की प्राथमिकताएं देने की घोषणा की गई है?
मध्य प्रदेश: पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्ती में अग्निवीरों को आरक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि सरकार अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देगी।
उत्तर प्रदेश: देश की सेवा करके लौटने वाले अग्निवीरों को यूपी पुलिस और पीएएसी बल में आरक्षण देने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इससे पहले भी जून 2022 में भी मुख्यमंत्री योगी ने घोषणा की थी कि यूपी सरकार अग्निवीरों को पुलिस और अन्य सेवाओं में वरीयता देगी।
राजस्थान: कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अग्निवीरों को भारतीय सेना में अपनी सेवा पूरी करने के बाद राज्य में पुलिस विभाग, जेल प्रहरी और वन रक्षक के रूप में आरक्षण देने की घोषणा की है।
उत्तराखंड: राज्य में अग्निवीरोंं को सरकार आरक्षण देगी, प्रदेश के अग्निवीरों को सरकारी विभागों में नियुक्तियां दी जाएंगी एवम् सरकार उन्हें आरक्षण भी देगी। सैनिक कल्याण विभाग इस सम्बंध में प्रस्ताव तैयार करने में जुटा है। इससे पहले जून 2022 में सीएम धामी ने एलान किया था कि अग्निवीरों को उत्तराखंड पुलिस, आपदा प्रबंधन और राज्य के चार धाम प्रबंधन में शामिल किया जाएगा।
छत्तीसगढ़: अग्निवीरों को पुलिस आरक्षक, जेल प्रहरी जैसे विभिन्न पदों पर प्राथमिकता के आधार पर समावेशित किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार अग्निवीरों को पुलिस आरक्षक, जेल प्रहरी, आदि पदों पर समावेशित करने की सुविधा देगी। विशेष आरक्षण के लिए शीघ्र निर्देश दिए जाएंगे।
हरियाणा: अग्निवीरों को पुलिस कांस्टेबल, माइनिंग गार्ड, जेल गार्ड और एसपीओ की भर्ती में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। ग्रुप सी में तीन वर्ष की आयु में छूट दी जाएगी। ग्रुप बी में पांच प्रतिशत ग्रुप ए में एक प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। अग्निवीर सैनिकों को पांच लाख तक बिना ब्याज का लोन दिया जाएगा। सरकार अग्निवीर सैनिकों को यातायात दुर्घटना में घायल होने पर मुआवजा देगी। सड़क दुर्घटना में घायलों का पूरा खर्च भी सरकार उठाएगी। अगर पीड़ित की मौत हो जाती है तो परिजनों को मुआवजा मिलेगा। अग्निवीरों को आर्म्ड लाइसेंस दिया जाएगा।