शास्त्रों के अनुसार,नाग पंचमी का महत्व जानिए रोटी क्यों नहीं बनना चाहिए

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नाग पंचमी 2024

सनातन धर्म में नाग पंचमी पर्व पर विशेष महत्व होता है। इस दौरान अपने घर के आसपास मे शिवालय जाकर नाग देवता की आराधना कि जाती है आईए जानते हैं इस दिन रोती क्यों नहीं बनाई जाती हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए उनकी भाव पूजा करनी चाहिए. इस पूजा में नवनाग मंत्र का जाप जरूर करें. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, नवनाग मंत्र को जब 9 बार जपा जाता है, तब उसे एक बार माना जाता है. क्‍योंकि एक बार नवनाग मंत्र पढ़ना केवल एक नाग देवता की आराधना करना होता है

नाग पंचमी कब है

इस साल नाग पंचमी का पर्व 9 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा इस दिन नाग पंचमी की पूजा प्रातः 5:00 से लेकर 8 बजकर 27 मिनट तक शुभ मुहूर्त है

नाग पंचमी पर क्यों न बनाए रोटी ?

सनातन धर्म में पहले से ही पूर्वोजो से मान्यता है कि लोहे की वस्तुओं का उपयोग करना वर्जित माना जाता है ऐसे में तवे का उपयोग करना अशुभ माना जाता है। हम नाग पंचमी पर चावल खाते हैं? हाँ, चावल नाग देवता के लिए एक लोकप्रिय प्रसाद है। कई घरों में इस दिन देवताओं को चढ़ाने के लिए चावल से बनी कई चीज़ें बनाई जाती हैं। इसलिए, देवताओं को चढ़ाने के बाद आप चावल खा सकते हैं।

तवा होता है नाग के फन का प्रतीक

शास्त्रों के अनुसार, तवे को नाग का फन माना जाता है ऐसे में नाग पंचमी के दिन तवे को चूल्हे पर रखना वर्जित है ऐसा करने से नाग देवता नाराज हो जाते हैं नाग पंचमी के दिन चांदी की धातु से बने नाग-नागिन का जोड़ा किसी मंदिर में दान करना बहुत शुभ होता है। माना जाता है कि इससे धन लाभ की संभावना बढ़ जाती है।

राहु का प्रतीक

तवे को राहु का प्रतीक माना जाता है इस दिन रोटी बनाने के लिए तवे का इस्तेमाल करने से कुंडली में राहु ग्रह का प्रभाव बढ़ सकता है

नाग पंचमी के दिन शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं?

नाग पंचमी के दिन शिव जी की पूजा के दौरान शिवलिंग पर बेलपत्र जरूर अर्पित करना चाहिए। शिव जी को बेलपत्र अति प्रिय माना गया है। इससे व्यक्ति की दरिद्रता दूर होती है और सौभाग्य में वृद्धि होती है। बेलपत्र के साथ-साथ आप शिवलिंग पर धतूरा भी चढ़ा सकते हैं।

धन की कमी का सामना करना

नाग पंचमी के दिन तवे पर रोटी बनाने से व्यक्ति को धन की कमी का सामना करना पड़ता है इसके साथ ही परिवार के सदस्य की तरक्की रुक सकती है

जमीन में खुदाई ना करें

नाग पंचमी के दिन शास्त्रों के अनुसार जमीन में खदाई करना वर्जित है इसके अलावा नुकीली चीजों जैसे चाकू और सुई आदि का इस्तेमाल करने से भी बचना चाहिए

मंत्र का जाप करें

घर के आसपास शिवालय में प्रातः स्नान करके नाग देवता की पूजा करते समय ‌ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः। ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥ मंत्र का अर्थः इस संसार में, आकाश, स्वर्ग, झील, कुएं, तालाब और सूर्य किरणों में निवास करने वाले सर्प, हमें आशीर्वाद दें और हम सभी आपको बारम्बार नमन करते हैं। अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्। पूजा-अर्चना। नाग पंचमी के दिन नाग, कोबरा और सांपों की दूध, मिठाई, फूल, दीप और बलि देकर पूजा की जाती है । चांदी, पत्थर, लकड़ी या दीवार पर बने नाग या नाग देवताओं की प्रतिमाओं को पहले पानी और दूध से नहलाया जाता है और फिर निम्नलिखित मंत्रों के उच्चारण के साथ उनकी पूजा की जाती है।

नाग पंचमी के दिन उपाय

नाग पंचमी के दिन माथे पर शिवजी को चंदन अर्पित करें और खुद का चंदन का तिलक लगाएं. इसके साथ ही घर में सुबह शाम कपूर जलाएं. इससे पितृदोष दूर होते हैं. नागपंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार पर गोबर, गेरू या मिट्टी से सांप की आकृति बनाएं और पूरे विधि विधान से इसकी पूजा करें.

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