अंतरराष्ट्रीय|ईरान
खामेनेई के टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय का जवाब
ईरान का सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने हाल ही में (16 सितम्बर) को सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से इंडिया की आलोचना की थी. खामेनेई ने इंडिया को को इजरायल फिलिस्तीन गाजा और म्यांमार के साथ उन एरिया के तौर पर निशाना साधा है। जहां अल्पसंख्यक मुसलमानों को अत्याचार का सामना करना पड़ता हो. खामेनेई विश्व के मुसलमानों से पीड़ित मुस्लिम आबादीओ की सुरक्षा करने के लिए एकजुट होने का आव्हान कर रहे थे.
ईरान के लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने इंडिया की आलोचना की है. खामेनेई ने भारत पर उंगली उठाते हुए मुस्लिमो के अधिकारों का उल्लंघन करने वाले देशों की सुची मे शामिल किया है. इंडिया पर भारतीय मुस्लिमो पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए ईरानी सुप्रीम ने भारत को म्यांमार और गाजा के साथ समकक्ष रखा है. अयातुल्ला अली खामेनेई ने यह टिप्पणी तब की है जब ईरान खुद अपने देश में सुन्नी मुस्लिम और जातीय अल्पसंख्यकों पर भारी अत्याचार के लिए लगातार विश्व भर में आलोचनाओं का सामना करता रहता है. इस घटना पर विदेश मंत्रालय द्वारा प्रतिक्रिया दी है. और ईरान से कहा कि इस तरह की टिप्पणी करने से पहले अपना रिकॉर्ड देखना चाहिए।
भारतीय सरकार ने सोमवार को देश में अल्पसंख्यकों के संबंध में ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरु अली ख़ामनेई की ओर से अल्पसंख्यको पर टिप्पणियों की कड़ी निंदा की और बयान को ‘गलत जानकारी वाला और अस्वीकार्य’ बताया है. विदेश मंत्रालय MEA ने खामेनेई के बयान को सिरे से खारिज किया और कहा कि भारत को लेकर खामेनेई की समझ कम है। MEA ने कहा, ‘हम ईरान के सुप्रीम नेता द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के संबंध में की गई टिप्पणियों की कड़ी आलोचना करते हैं. यह खामेनेई की बिल्कुल गलत जानकारी है और कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है.”
इंडिया ने ईरान के प्रमुख लीडर अयोतल्ला अली खामेनेई के भारतीय मुस्लिमों पर दिए बयान पर सख्ती अपनायी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के जारी बयान करके कहा कि ईरान को किसी और के बारे में बात करने से पहले खुद अपने गिरेबान में झाककर देखना चाहिए। विदेश मंत्रालय की ओर से प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि जो देश भारत के अल्पसंख्यकों के बारे में टिका टिप्पणी कर रहे हैं. उन्हें दूसरों के बारे में बोलने से पहले खुद अपने रिकॉर्ड को देखना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हम भारत के अल्पसंख्यकों को लेकर ईरान के प्रमुख खामेनेई के बयान की कड़ी निंदा करते हैं। यह गलत जानकारी वाले और कभी भी स्वीकार्य बयान नहीं हैं।
अयातुल्ला अली खामेनेई ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा था, हम यदि म्यांमार, गाजा, भारत या अन्य किसी भी देश में मुस्लिमों को हो रही पीड़ा से आंख मूंद लेते हैं तो हम खुद को मुस्लिम नहीं कह सकते। यह बयान खामेनेई ने दिया है।
यह पहली बार नहीं है कि जब ईरान के प्रमुख नेता ने भारत में अल्पसंख्यकों के बारे में ऐसी टिप्पणी दि हो। 2019 में भी खामेनेई ने भारत की सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था, हम कश्मीर में मुस्लिमों की परिस्थिति को लेकर चिंतित हैं। भारत के साथ हमारे अच्छे रिश्ते हैं लेकिन उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार कश्मीर के लोगों के साथ न्यायिक व्यवहार करेगी और इस क्षेत्र में मुस्लिमों को दबाने और कुचलने से परहेज करेगी।
अयातुल्ला अली खामेनेई दुनिया भर मे अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों मे रहते है. हालांकि ईरान म़े हो रहे अल्पसंख्यकों पर दमनकारी नीतियों पर वह हमेशा विश्व स्तर पर आचोलना होतीं है. वे अपने देश के अंदर चल रही ऐसी घटनाओं को नहीं रोकते और दुसरे देशों पर टिका टिप्पणी करत़े रहतें है।